Bhajan: Ram Bhaja so Jeeta Jag Me राम भजा सो जीता जग में, राम भजा सो जीता रे। हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में. हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी, पढ़ै भागवत गीता रे। हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में. और देव की पूजा कीन्ही, हरि सों रहा अमीता रे। धन जौबन तेरा यहीं रहेगा, अंत समय चल रीता रे। राम भजा सो जीता जग में. बाँवरिया बन में फंद रोपै, संग में फिरै निचीता रे। कहे 'कबीर' काल यों मारे, जैसे मृग कौ चीता रे। राम भजा सो जीता जग में. Bhajan: jay shiv shankar aughaddani जय शिव शंकर औघड़दानी जय शिव शंकर औघड़दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी सकल बिस्व के सिरजन हारे, पालक रक्षक 'अघ संघारी' जय शिव शंकर औघड़दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी हिम आसन त्रिपुरारि बिराजें, बाम अंग गिरिजा महरानी जय शिव शंकर औघड़दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी औरन को निज धाम देत हो, हमसे करते आनाकानी जय शिव शंकर औघड़दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी सब दुखियन पर कृपा करत हो हमरी सुधि काहे बिसरानी जय शिव शंकर औघड़दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी View and Listen to the bhajan on BholaKrishna youtube channel at. Bhajan: Padho pothi me Ram (Audio from Bhajan Sandhya at Krishna Shivalaya on Nov 29, 2017) पढ़ो पोथी में राम, लिखो तख्ती पे राम.